राजा धनक कि कहानी
राजा धनक के चार पुत्र थे (1)कृतवीर्य (2)कृतग्नि (3)कृतवर्मा (4)कृतौजा। इनमें से बड़े पृतवीर्य को राजगद्दी मिली शेस-3 पुत्र के बारे में धार्मिक ग्रंथ मौन है। इनके बारे में किसी भी ग्रंथ में उल्लेख प्राप्त नहीं होता है। संभवत इन तीनों राजकुमारों ने अपने पृथक् राज्य की स्थापना कर राज्य शासन चलाया कहीं-कहीं पढ़ने को मिलता है कि राजा धनक के पुत्रों ने हिमाचल तक अपने राज्य का विस्तार किया था उन तीनों युवराज का क्या हुआ क्या वह अपने भाइयों के अधीन कार्य करते थे अथवा उनको अलग से राज्य देकर दूसरे राज्य में भेज दिया गया अथवा उन्हें समाप्त कर दिया गया जैसे प्राचीन काल में प्रथा थी कि बड़े बेटे को राज गद्दी शौप कर राजा बन प्रस्थान में चले जाते थे यह संभव है कि राजा धनक ने अपना राज्य अपने लड़के को शौपकर वन प्रस्थान में चले गए और ईश्वर की तपस्या में लीन हो गए वहां पर भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें शक्ति प्रदान की और वह शक्ति थी धनुष बान।
यह शक्ति राजा धनक द्वारा अपने शेष पुत्रों को दे दी गई इन पुत्रों ने अपने पिता राजा धनक के नाम पर अपना पृथक से धनक वंश चलाया किंतु वे अधिक शक्तिशाली नहीं रहे और उनके राज्य का शीघ्र पतन हो गया आतः किसी भी ग्रंथ में उनका उल्लेख नहीं मिलता है राजा जनक की राजधानी महिष्मति (महेश्वर) थी उनका राज्य विदर्भ एवं वैदेही तक फैला हुआ था। इनके राज्य में जहाजों से व्यापार होता था जो यूरोप के बाजार तक फैला हुआ था उनका रास्ता नर्मदा नदी के द्वार था।
धानुक समाज और धानुक संगठन
जवाब देंहटाएंधानुक जाती से मेरा छोटा सा विनती कपया अपना जाती न छुपाये गर्व से कहो हम धानुक है
हटाएंमुझे धानक समाज के संबंधित पुस्तकें चाहिए
जवाब देंहटाएंDhanuk samaj ke sandarbh me book ka Kya name hai
हटाएंधानुक दर्पण
हटाएंजय धानुक समाज
जवाब देंहटाएंजय हो धानक, धानुक,धनिक समाज की.
जवाब देंहटाएंMe Indore Madhya Pradesh se hu Mera naam Mahendra Dhanak he
जवाब देंहटाएंDhanak samaz ki Puri jankari Chahta
hu
आप WhatsApp पर संपर्क करें 7091517158
हटाएंBhai dhanuk cast se sambandhid koi book ho to mujhe bhi batao
जवाब देंहटाएंDhanak Darpan
हटाएंHello sir I am Ashok Dehran Bhiwani district haryana 9728835717
जवाब देंहटाएंजी अशोक जी नमस्कार
हटाएंक्या धानुक बसोड़ एक ही हैं
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