संदेश

आरक्षण क्या है लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिनके पुर्वज नाक कटवा लीया व आज संविधान बदलने का बात करता है

चित्र
क्या संविधान लिखकर वाकई कोई कारनामा किया था बाबा साहेब ने? चलो इसबार सच्चाई जान लेते हैं। 1895 में पहली बार बाल गंगाधर तिलक ने संविधान लिखा था अब इससे ज्यादा मैं इस संविधान पर न ही बोलूँ वह ज्यादा बेहतर है, फिर 1922 में गांधीजी ने संविधान की मांग उठाई,  मोती लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और पटेल-नेहरू तक न जाने किन किन ने और कितने संविधान पेश किये । ये आपस् में ही एक प्रारूप बनाता तो दूसरा फाड़ देता, दुसरा बनाता तो तीसरा फाड़ देता और  इस तरह 50 वर्षों में कोई भी व्यक्ति भारत का एक (संविधान) का प्रारूप ब्रिटिश सरकार के सम्पक्ष पेश नही कर सके। उससे भी मजे की बात कि संविधान न अंग्रेजों को बनाने दिया और न खुद बना सके। अंग्रेजों पर यह आरोप लगाते कि तुम संविधान बनाएंगे तो उसे हम आजादी के नजरिये से स्वीकार कैसे करें। बात भी सत्य थी लेकिन भारत के किसी भी व्यक्ति को यह मालूम नही था कि इतने बड़े देश का संविधान कैसे होगा और उसमे क्या क्या चीजें होंगी? लोकतंत्र कैसा होगा? कार्यपालिका कैसी होगी? न्यायपालिका कैसी होगी? समाज को क्या अधिकार, कर्तव्य और हक होंगे आदि आदि.. अंग्रेज भारत छोड़ने का ए

आरक्षन क्या है

जो लोग आरक्षण को गरीबी से जोड़कर देखते हैं, वो लोग दरअसल आरक्षण का मतलब ही नहीं समझते हैं | आरक्षण का अर्थ है अधिकारों का रक्षण | अधिकारों का रक्षण कैसे ? जिन लोगो को सदियों तक जातिगत भेदभाव के कारण उनके मानवीय अधिकारों से वंचित रखा गया तो देश आजाद होते समय जब संविधान तैयार हो रहा था तो ये ख्याल रखा गया कि भविष्य में उनके अधिकारों का ऐसी जातिवादी मानसिकता के कारण हनन न हो | अधिकारों के उस हनन को रोकने और अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया | किन मानवीय अधिकारों का हनन किया गया ? इस देश के शोषित वंचित और पिछड़ों को उनके मूलभूत अधिकारों जैसे शिक्षा का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, रोजगार का अधिकार से वंचित रखा गया था | जब किसी समाज को शिक्षा का अधिकार ही नहीं होगा तो वो समाज आगे कैसे बढेगा ? उस समाज का मानसिक विकास कैसे होगा ? उस समाज में जाग्रति कैसे आएगी ? जब समाज में जाग्रति ही नहीं आएगी तो उसका विकास कैसे हो सकता है ? इस अधिकार की रक्षा के लिए शिक्षा में आरक्षण दिया गया | शिक्षा में आरक्षण होने के बावजूद आज भी जातिवादी मानसिकता के चलते इन समाज के लोगो को आज