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अमर शहीद रामफल मंडल Amar Shaheed Ramphal Mandal

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लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा। मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे कि, मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा। योद्धा अमर शहीद रामफल मंडल जी अमर रहे नाम - अमर शहीद रामफल मंडल जन्म – 6 अगस्त 1924 पिता – गोखुल मंडल माता – गरबी मंडल पत्नी – जगपतिया देवी ग्राम+पोस्ट – मधुरापुर जिला – सीतामढ़ी (बिहार) जाति – धानुक कांड संख्या – 473/42 फाँसी – दिनांक 23 अगस्त 1943, केंद्रीय कारागार भागलपुर  भारत छोड़ो आंदोलन में अमर शहीद रामफल मंडल जी का योगदान द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 8 अगस्त 1942 को आरम्भ किया गया था।यह एक आन्दोलन था जिसका लक्ष्य भारत से ब्रितानी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद 9 अगस्त सन 1942 को गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था।