संदेश

mithilanchal लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मिथिलाक प्रदेशिक परिवारक हाल

चित्र
सुनु योव मिथिलाक लाल कहैछी, किया अतेक प्रदेश रहैछी । मायक आंचर  सब दिन भीजैय, नीत आंहांक बाट जोहैय, सोंचैय आइ बोवा एता, खूब कमाक ढोवा लोवता, पर हम कोड़ी कि करब आब त" किछ दिम मे हम मरब, किया नय बाबू घर अबै छी, सुनु योव मिथिलाक लाल कहोछी, किया  अतेक प्रदश रहै छी॥ बोवा बूच्चि नीत कनैय, हाटक दिन क" बाट तकैय, कहैय आई बाबू औता , झोरा मे खूब सनेश लोता, आई त' हम खूब खाएब, बाबू के संग खेलाएब, कन्हा प बैस घूमअ जाएब, सांझ क बोवा खूब कनैय, कैन्ते-कैन्ते शूईत रहैय, नीत व वतबे काज करैय, कीया ओकर बच्पन छिनै छी' सुनु योव मिथिलाक लाल कहै छी' कियि अतैक प्रदेश लहै छी॥ शुनूयोव सजनी कि कहैय, भितरे भितरे उ' घूटैय, निरजान फोटो सं बात करैय, बैमान बालम किया नइ अबै छी, पिया मिलन ले' हम तरसै छी, सुनू योव मिथिलाक लाल कहै छी, किया अतैक प्रदेश रहै छी॥ बड कमेलों बड कमेलों , कौरी ले मिथिला संन देश  गमेलों, दलानक दिया नित जरैय, आब नय कियो संगतूरिया बैसैय, काठक कूर्सि सेहो कनैय, बूरहः बाबू जी बस मोन रहै य, मने-मन वहो कनैय, हे बिधाता आगूक जिनगी क