धानुक दर्पण

बिहार में प्रचलित गाथा के अशुसार कन्नौज के परिहार राजा महिपाल चाप वंशीय थे।
उनके सामंत धरनी एवं चाठियावाड़ के एक भाग के स्वामि थे। इसका प्रमाण म.प्र. के माधोगढ जिला भिंड से प्राप्त पाम्रपत्र से होती है। ई. सं. 672 सन् 694 में कन्नौज के परिहार राजाओं का है, जिसमें उल्लेख है कि एक दिन पृथ्वी ने भगवान् शंकर से निवेदन किया कि मेरी दुष्टों से रक्षा कीजीये । तब भगवान शंकर ने अपने धनुष कि चाप से एक वीर को पैदा किया, जो कि धानुक कहलाये और उन्होंने पृथ्वी की दुष्टों से रक्षा की।

टिप्पणियाँ

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  4. कूलदीप धानक मलोट पंजाब से हु मुझे धानक दर्पण चाहिए।

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  5. Bhai saab mp me basor bhangi hote hai dhanuk nahi inse doori bana lijiye warna kahi samj ko itna neeche na gira deejiyega ke wapas uthana mushkil ho jaye

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  6. Mujhe lgta hai ki samaj hit m aapko ye book samaj k logo ko free deni Chahiye Jaise Christian Bible,Hindu Hanuman chalisa dete h kyuki hmara samaj in sb cheezo pr khrch nhi kr skta iska mtlb ye nhi h ki isey khreedne k paise nhi h

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  8. Mera naam sandeep Kumar f randRajasthan se hun mujhe dhanak darpan chaiye mere n. 7231887976 he aap jarur samprak karke mujhe vo book bheje plz

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