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राजा धनक कि कहानी

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Join my facebook peg राजा धनक के चार पुत्र थे (1)कृतवीर्य (2)कृतग्नि (3)कृतवर्मा (4)कृतौजा। इनमें से बड़े पृतवीर्य को राजगद्दी मिली शेस-3 पुत्र के बारे में धार्मिक ग्रंथ मौन है। इनके बारे में किसी भी ग्रंथ में उल्लेख प्राप्त नहीं होता है। संभवत इन तीनों राजकुमारों ने अपने पृथक् राज्य की स्थापना कर राज्य शासन चलाया कहीं-कहीं पढ़ने को मिलता है कि राजा धनक के पुत्रों ने हिमाचल तक अपने राज्य का विस्तार किया था उन तीनों युवराज का क्या हुआ क्या वह अपने भाइयों के अधीन कार्य करते थे अथवा उनको अलग से राज्य देकर दूसरे राज्य में भेज दिया गया अथवा उन्हें समाप्त कर दिया गया जैसे प्राचीन काल में प्रथा थी कि बड़े बेटे को राज गद्दी शौप कर राजा बन प्रस्थान में चले जाते थे यह संभव है कि राजा धनक ने अपना राज्य अपने लड़के को  शौपकर वन प्रस्थान में चले गए और ईश्वर की तपस्या में लीन हो गए वहां पर भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें शक्ति प्रदान की और वह शक्ति थी धनुष बान। यह शक्ति राजा धनक द्वारा अपने शेष पुत्रों को दे दी गई इन पुत्रों ने अपने पिता राजा धनक के नाम पर अपना पृथक से धनक वंश चलाया किंतु वे अधिक

धानुक जाति के लोगों की जिंदगी बदहाल

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धानुक जाति के लोगों की जिंदगी बदहाल  बड़हरिया:- सामाजिक संरचना में अहम भूमिका निभानेवाली कुछ जातियां सरकार की तमाम कवायदाें व कोशिशों के बावजूद आज तक विकास की मुख्यधारा में नहीं जुड़ पायी हैं. इन्हीं जातियों में शामिल है-धानुक जाति। इस जाति का पुश्तैनी पेशा सुतली काटना और उससे रस्सी बनाना है। लेकिन बदलते दौर ने धानुक जाति से उनका पैतृक पेशा छीन लिया है।दरअसल खेती के कार्यो में बैल की जगह ट्रैक्टर ने ले ली व कृषि कार्यों के लिए रस्सी, पगहा, गलजोरी, बरही आदि की जरूरत खत्म हो गयी। इतना ही नहीं पटसन की रस्सी की जगह प्लाॅस्टिक की रस्सी आ गयी। इस प्रकार समाज में बड़ी भूमिका निभानेवाली धानुक जाति हाशिये पर चली गयी। प्रखंड की चौकी हसन पंचायत के धानुक टोला 100 घर व रसूलपुर पंचायत के रसूलपुर गांव में करीब 40 घर धानुक जाति के लोग रहते हैं। पलानी के घर व नंग-धड़ंग बच्चों को देख कर इनकी बस्ती का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। रसुलपुर धानुक बस्ती के अधिकतर धानुक लोगों को आज तक पक्का मकान नसीब नहीं हो पाया है। यूं कहें कि यह जाति सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक व आर्थिक दृष्टि से आज भी

शहीद रामफल मंडल की कहानी BIRENDAR DHANUK के जुबानी

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अमर शहीद रामफल मंडल जी का 75 वां शहादत समारोह पुणे75th martyrdom ceremon...

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अमर शहीद रामफल मंडल जी का 94 जयंती

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