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आदिमानव की उत्पत्ति

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डॉ. वाकणकर ने नर्मदा उत्पत्ति के संबंध में लिखा है कि 10 से 20 लाख वर्ष पूर्व एक प्राणी सीधा खड़े होने में असमर्थ था शायद यही आदिमानव था, जिसे रामापियेकस नाम दिया गया। इस आदि मानव द्वारा निर्मित वस्तुएं रामगढ़ मटक्का दो खेड़ीनाला को शुरू नाला (मप्रदेश) आदि में पाई गई है। सभी स्थान नर्मदा किनारे स्थित है। प्रारंभिक काल में युद्ध सामग्री को अनुकूल कहा गया है, क्योंकि अनुकूल नामक स्थान पर इसका वैज्ञानिक परिलक्षण हुआ है। इस आदिमानव ने अपनी आत्मरक्षा एवं शिकार हेतु भाले (अनुकूल),अश्म कुदाल, अश्म परसु, तक्ष्णक का निर्माण किया, जो नर्मदा किनारे खुदाई में पाई गई है। जिसके आधार पर इन्हें दो काल में विभत्त  किया गया है- (१) 10 से 30 लाख वर्ष के मध्य इनकी बनावट मोटी और बड़े चकतियों के समान होती थी। (२) 3 से 1लाख वर्ष के मध्य बड़े, पतले, सुद्दढ़ उपकरण बनाए जाते थे।भीम बैटिका भोपाल के पास या शस्त्र पाए गए हैं एवं इनको चट्टानों पर चित्रित किए गए हैं। 70हजार से 1लाख वर्ष पूर्व भारत के में यूरोप के समान निअंडोल जाती का मानक पाया जाता था। जर्मनी के निअंडोल नामा का स्थान पर इसका अवशेष