जय धानुक समाज
#जागु_यौ_धानुक_समाज
सूनूयो हमर धानूक समाज,
इक्छा अछि किछ कहै के आई,
मंन मे गूंजैय ऐक आवाज,
ढेरों रहिक हम घेट गेल छी,
छोट-छोट टूकरा मे बैंट गेल छी,
चलूना जोड़ेय छी सब टूकरा के आब,
सूनूयो हमर धानूक समाज,
इक्छा अछि किछ............॥
इक्छा अछि किछ कहै के आई,
मंन मे गूंजैय ऐक आवाज,
ढेरों रहिक हम घेट गेल छी,
छोट-छोट टूकरा मे बैंट गेल छी,
चलूना जोड़ेय छी सब टूकरा के आब,
सूनूयो हमर धानूक समाज,
इक्छा अछि किछ............॥
सामाज जोर के हम बिरा उठोने छि,
लोक कहैर हम इ पिरा उठोने छी,
कहके बाड़ी अछि आंहां कॅ आब
सूनू यो हमर धानूक समाज ,
इक्छा अछि किछ............॥
लोक कहैर हम इ पिरा उठोने छी,
कहके बाड़ी अछि आंहां कॅ आब
सूनू यो हमर धानूक समाज ,
इक्छा अछि किछ............॥
आई आत्मा भिभोर होय,
कमजोर जान सब छोईर दैय,
आव नै सब भाई मिल करी बूलंद आवाज,
किया चूप्प बैशल छी आई,
किछ बाजू न यौ समाज,
सूनूयो हमर धानूक समाज ,
इक्छा ऐछ किछ..........॥
कमजोर जान सब छोईर दैय,
आव नै सब भाई मिल करी बूलंद आवाज,
किया चूप्प बैशल छी आई,
किछ बाजू न यौ समाज,
सूनूयो हमर धानूक समाज ,
इक्छा ऐछ किछ..........॥
आइ राइत एक स्पन आएल,
बड़ी भयंकर छल सभा छाऐल,
सभा मे सामिल हमहू छेली भयल,
गून्ज रहल छल ऐके आबाज,
जय हो जय हो धानूक समाज..॥
बड़ी भयंकर छल सभा छाऐल,
सभा मे सामिल हमहू छेली भयल,
गून्ज रहल छल ऐके आबाज,
जय हो जय हो धानूक समाज..॥
#ले० बिरेन्द्र मंडल धानुक
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