संदेश

दरभंगा एक दिवश्य धरना धानूक समाज का

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सभी धानुक समाज के समाजसेवियों को हार्दिक बधाई कल सम्पन्न हुए एक दिवसीय महासम्मेलन के लिए। जो आ पाये उनका हार्दिक अभिनन्दन, जो नहीं आ पाये किसी कारणवश उनको आगे आने वाले आंद...

दरभंगा एक दिवश्य धरना धानूक समाज का

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सभी धानुक समाज के समाजसेवियों को हार्दिक बधाई कल सम्पन्न हुए एक दिवसीय महासम्मेलन के लिए। जो आ पाये उनका हार्दिक अभिनन्दन, जो नहीं आ पाये किसी कारणवश उनको आगे आने वाले आंद...

एसटी दर्जा देने संबंधी विधेयक को मिली मंजूरी

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« PREV NEXT » एसटी दर्जा देने संबंधी विधेयक को मिली मंजूरी नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह नहीं चाहती कि देश में आरक्षण के लिए एक ही जाति को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दर्जा प्राप्त हो और इसके लिए वह राज्यों के साथ विचार-विमर्श के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाएगी। जनजातीय मामलों के मंत्री किशोर चंद्र देव ने राज्यसभा में संविधान [अनुसूचित जनजातिया] आदेश [संशोधन] विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। चर्चा के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है। विभिन्न जातियों का दर्जा तय करने के लिए एक व्यापक विधेयक लाने की विभिन्न दलों की माग पर मंत्री ने कहा कि हम अभी ऐसा करने की स्थिति में नहीं हैं। इसके लिए मंडल आयोग जैसा कोई आयोग गठित करने के विपक्ष के सुझाव पर उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस पर विचार करेगी। देव ने यह भी स्पष्टीकरण दिया कि मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर यह विधेयक नहीं लाया गया है। संविधान संशोधन विधेयक के जरिए मणिपुर के छह समु...

S.t कि मांग धानूक समाज का

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आज दरभंगा के बहादुरपुर प्रखण्ड के विभिन्न गाँव में बैठक हुई,जिला से गोपाल मण्डल, कपिलेश्वर महतो,रामदयाल मंडल,और सुन्दर मंडल जी ने भाग लिया बहेरी प्रखंड के दो गांव महुली और...

बिहार धानुक समाज कि दिल्ली मिंटींग

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इतिहास की पहली दिल्ली में धानुक महासभा की बैठक हुई, जिसमे हमारे धानुक समाज के हर वर्ग के लोगो ने अपनी सहभागिता दर्ज़ करायी। ये इतिहास की पहली ऐसी कोई बैठक दिल्ली में हुई। और ...

वर्तमान सरकार कर रहा है अंदेखा धानुक समाज को

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1 एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने गुजरात में पटेल के आरक्षण की मांग को इस आधार पर न्यायोचित ठहराया है कि देश के दूसरे राज्यों में उनके समकक्ष समुदायों को आरक्षण मिल रहा है तो वहीँ दूसरी तरफ बिहार के धानुक समाज (जो बिहार छोड़कर देश के सभी राज्यों में अनुसूचित जाति/जन जाति में है, यहाँ तक कि नेपाल में भी जन जाति में है|) के मांग को ख़ारिज कर देना कहाँ तक न्यायोचित है ? 2 एक तरफ सरकार ने कहा है कि किसी जाति विशेष को अनुसूचित जाति/जन जाति में शामिल करने का मामला भारत सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है तो स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि कैसे लोहार एवं नइया जाति को अनुसूचित जनजाति और तांती एवं खतबे जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा है ? संबंधित अभिलेख अनुलग्न है| मैं अपील करता हूँ कि इस सम्बन्ध में अपनी राय बेझिझक रखें| कमेन्ट करें | शेयर करें | आपकी राय के आधार पर ही आगे की सोचेंगें | अक्सर मुझे लोग फोन कर वर्तमान परिदृश्य में किस गठ्वंधन को समर्थन/विरोध की बात करते हैं | आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि अबतक ना तो मैं किसी के समर्थन में हूँ और ना ही विरोध में | समाज ...

आरक्षन क्या है

जो लोग आरक्षण को गरीबी से जोड़कर देखते हैं, वो लोग दरअसल आरक्षण का मतलब ही नहीं समझते हैं | आरक्षण का अर्थ है अधिकारों का रक्षण | अधिकारों का रक्षण कैसे ? जिन लोगो को सदियों तक जातिगत भेदभाव के कारण उनके मानवीय अधिकारों से वंचित रखा गया तो देश आजाद होते समय जब संविधान तैयार हो रहा था तो ये ख्याल रखा गया कि भविष्य में उनके अधिकारों का ऐसी जातिवादी मानसिकता के कारण हनन न हो | अधिकारों के उस हनन को रोकने और अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया | किन मानवीय अधिकारों का हनन किया गया ? इस देश के शोषित वंचित और पिछड़ों को उनके मूलभूत अधिकारों जैसे शिक्षा का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, रोजगार का अधिकार से वंचित रखा गया था | जब किसी समाज को शिक्षा का अधिकार ही नहीं होगा तो वो समाज आगे कैसे बढेगा ? उस समाज का मानसिक विकास कैसे होगा ? उस समाज में जाग्रति कैसे आएगी ? जब समाज में जाग्रति ही नहीं आएगी तो उसका विकास कैसे हो सकता है ? इस अधिकार की रक्षा के लिए शिक्षा में आरक्षण दिया गया | शिक्षा में आरक्षण होने के बावजूद आज भी जातिवादी मानसिकता के चलते इन समाज के लोगो को आज ...