संदेश

वर्तमान सरकार कर रहा है अंदेखा धानुक समाज को

चित्र
1 एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने गुजरात में पटेल के आरक्षण की मांग को इस आधार पर न्यायोचित ठहराया है कि देश के दूसरे राज्यों में उनके समकक्ष समुदायों को आरक्षण मिल रहा है तो वहीँ दूसरी तरफ बिहार के धानुक समाज (जो बिहार छोड़कर देश के सभी राज्यों में अनुसूचित जाति/जन जाति में है, यहाँ तक कि नेपाल में भी जन जाति में है|) के मांग को ख़ारिज कर देना कहाँ तक न्यायोचित है ? 2 एक तरफ सरकार ने कहा है कि किसी जाति विशेष को अनुसूचित जाति/जन जाति में शामिल करने का मामला भारत सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है तो स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि कैसे लोहार एवं नइया जाति को अनुसूचित जनजाति और तांती एवं खतबे जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा है ? संबंधित अभिलेख अनुलग्न है| मैं अपील करता हूँ कि इस सम्बन्ध में अपनी राय बेझिझक रखें| कमेन्ट करें | शेयर करें | आपकी राय के आधार पर ही आगे की सोचेंगें | अक्सर मुझे लोग फोन कर वर्तमान परिदृश्य में किस गठ्वंधन को समर्थन/विरोध की बात करते हैं | आज मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि अबतक ना तो मैं किसी के समर्थन में हूँ और ना ही विरोध में | समाज

आरक्षन क्या है

जो लोग आरक्षण को गरीबी से जोड़कर देखते हैं, वो लोग दरअसल आरक्षण का मतलब ही नहीं समझते हैं | आरक्षण का अर्थ है अधिकारों का रक्षण | अधिकारों का रक्षण कैसे ? जिन लोगो को सदियों तक जातिगत भेदभाव के कारण उनके मानवीय अधिकारों से वंचित रखा गया तो देश आजाद होते समय जब संविधान तैयार हो रहा था तो ये ख्याल रखा गया कि भविष्य में उनके अधिकारों का ऐसी जातिवादी मानसिकता के कारण हनन न हो | अधिकारों के उस हनन को रोकने और अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया | किन मानवीय अधिकारों का हनन किया गया ? इस देश के शोषित वंचित और पिछड़ों को उनके मूलभूत अधिकारों जैसे शिक्षा का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, रोजगार का अधिकार से वंचित रखा गया था | जब किसी समाज को शिक्षा का अधिकार ही नहीं होगा तो वो समाज आगे कैसे बढेगा ? उस समाज का मानसिक विकास कैसे होगा ? उस समाज में जाग्रति कैसे आएगी ? जब समाज में जाग्रति ही नहीं आएगी तो उसका विकास कैसे हो सकता है ? इस अधिकार की रक्षा के लिए शिक्षा में आरक्षण दिया गया | शिक्षा में आरक्षण होने के बावजूद आज भी जातिवादी मानसिकता के चलते इन समाज के लोगो को आज

मिथलाक तकलीफ

चित्र
सूनू योव बाबू सूनू योव नेता, सूनू योव मूखिया गाम के, नेता जी के देश मै भैया, होर लगल ऐछ दाम के, आंटाक बलहल चिनिक बरहल, बरहल तेलक दाम योव, सांझ क डिबिया भूक-भूक कने, अंहांर ऐछ धर दलान योव, इंटर कलू बी0 ए0 कलू, कलू ऐम0 ए0 पास योव, मिथिलांचल मे नोकरी नय ऐछ, देखू दोसर राज्य रोव, हम प्रदेशी बीरेन्र्द मंडल, कहै छी इ काइन के" नेता जी के देश मे भैया, होर लगल छै दाम के, अपने घूमैं देश -बिदेश मे, भटकि हम राजे - राज्य योव, झारू-बहारू बरतन पोछा, मैला ढोबैय के काज योव, वइठांमक नेता जी कहैया, भगव बिहारि के बाईन्हः के, मोदी जी के देश मे भैया , तोफा मिलऽल आपमान के बीरेन्र्द मंडल धानूक 17/07/2015 (भाई हम अप्पन दूख बैक्त केली कोनो नेता आ र्पाटिक मन दूखब के हमर कोनो मंषा नय ऐछ।)

मिथिलाक प्रदेशिक परिवारक हाल

चित्र
सुनु योव मिथिलाक लाल कहैछी, किया अतेक प्रदेश रहैछी । मायक आंचर  सब दिन भीजैय, नीत आंहांक बाट जोहैय, सोंचैय आइ बोवा एता, खूब कमाक ढोवा लोवता, पर हम कोड़ी कि करब आब त" किछ दिम मे हम मरब, किया नय बाबू घर अबै छी, सुनु योव मिथिलाक लाल कहोछी, किया  अतेक प्रदश रहै छी॥ बोवा बूच्चि नीत कनैय, हाटक दिन क" बाट तकैय, कहैय आई बाबू औता , झोरा मे खूब सनेश लोता, आई त' हम खूब खाएब, बाबू के संग खेलाएब, कन्हा प बैस घूमअ जाएब, सांझ क बोवा खूब कनैय, कैन्ते-कैन्ते शूईत रहैय, नीत व वतबे काज करैय, कीया ओकर बच्पन छिनै छी' सुनु योव मिथिलाक लाल कहै छी' कियि अतैक प्रदेश लहै छी॥ शुनूयोव सजनी कि कहैय, भितरे भितरे उ' घूटैय, निरजान फोटो सं बात करैय, बैमान बालम किया नइ अबै छी, पिया मिलन ले' हम तरसै छी, सुनू योव मिथिलाक लाल कहै छी, किया अतैक प्रदेश रहै छी॥ बड कमेलों बड कमेलों , कौरी ले मिथिला संन देश  गमेलों, दलानक दिया नित जरैय, आब नय कियो संगतूरिया बैसैय, काठक कूर्सि सेहो कनैय, बूरहः बाबू जी बस मोन रहै य, मने-मन वहो कनैय, हे बिधाता आगूक जिनगी क