चलो पटना धानुक समाज

अखिल भारतीये धानूक उत्थान महा संध बिहार प्रदेश
23 अगस्त अमर शहीद रामफल मंडल जी के शहादत दिवस मनाया जा रहा है मै आपने सभी धानूक भाइयो से अपील करता हूँ की आप सब 23 अगस्त को पटना पहुचे और इस कार्य करम को सफल बनायें  सम्भवतः भारतीय नृत्य कला मंदिर, फ्रेजर रोड, रेडियो स्टेशन के नज़दीक । आप सभी सादर आमंत्रित है
शहिद रामफल मंडल जी का जन्म 6 अगस्त 1924 ई0 को बिहार,सीतामढी जिला के बाजापट्टी प्रखण्ड के मधुरापुर (धानुक टोला) मे हुवा था।
इनके पिताजी का नाम गोखुल मंडल तथा माताजी का नाम गरबी देवी था।
रामफल मंडल जी अपने चार भाईयों में तीसरे स्थान पर थे।
कृषी कार्य, पशुपालन तथा पशुवों की खरिदि बिक्रि परिवार के आय के प्रमूख स्रोत थे।
रामफल मंडल जी अपने इलाके के नामि-गिरामी पहलवा थे।
16वर्ष के आयु में रून्नीसैदपूर प्रखण्ड के गंगवारा में अमिन मंडल की पुत्री जगपतिया देवी के साथ इनका विवाह हुवा। उस समैय हमारे देश विदेशी सासन के अधीन था और चारों तरफ अंग्रेजी सासन का जोर-जुल्म, शोषन, अत्याचार, और आतंक चरम पर था।

हिन्दुस्तानी आवाम और मातुभुमी को विदेशी हुकुमत से मुक्त कराने का प्रण कर चुके रामफल मंडल जी ने आजादि के आन्दोलन में हिस्सा लेते हुवो अंग्रेजी हुकुमत के एस0 डी0 ओ0 अनुमंडल पदाधिकारी हरदीप नारायण सिंह को मौत के घाट उतार डाला था। इनके अन्य क्रातिकारी साथियों ने निरीक्षक रामापूती दुबे, हवलदार श्याम लाल सिंह, चपरासी दखेसी सिंह को भी मार डाला। अंग्रेजी शासन ने 23 अगस्त 1943 को भागलपुर जेल में शहीद रामफल मंडल को फासी की सजा दी गई। देश के आजादी लिए अतिपिछड़ा समाज हमेशा कुर्बानी देने के लिए देश की रक्षा के लिए अपनी जान का बाजी लगाई है। शहीद रामफल मंडल के द्वारा समाज में आदर्श की संदेश फैलाने एवं उनके बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान करता हू ।

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