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🇮🇳 भारत का कर्ज़ — कैसी स्थिति है?
1. कुल सरकारी कर्ज़ (2024 तक):
भारत की सरकार पर कुल कर्ज़ लगभग 150 लाख करोड़ रुपये (GDP का लगभग 80%) है।
इसमें दो प्रकार का कर्ज होता है:
आंतरिक कर्ज (Internal Debt): भारत के ही नागरिकों, बैंकों और संस्थाओं से लिया गया कर्ज।
बाहरी कर्ज (External Debt): अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, विदेशी निवेशकों और सरकारों से लिया गया कर्ज।
2. बाहरी कर्ज की स्थिति:
भारत का बाहरी कर्ज कुल GDP का लगभग 18% है (जो काफी संतुलित है)।
भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार (foreign reserves) है जिससे वो किसी भी समय यह कर्ज चुका सकता है।
भारत ने कभी भी डिफॉल्ट (कर्ज़ ना चुका पाने) की स्थिति का सामना नहीं किया।
3. शर्तें और उद्देश्य:
यह कर्ज नियंत्रित ब्याज दरों पर लिया जाता है।
इसका इस्तेमाल बुनियादी ढांचे, तकनीकी विकास, ऊर्जा, रेलवे, स्वास्थ्य और शिक्षा में किया जाता है।
भारत को विश्वसनीय और क्रेडिट रेटिंग वाला देश माना जाता है।
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